Sunday, 15 June 2014

सास ने संभाली रसोई तो बहू ने IAS बन दिया तोहफा, पढ़ें सफलता की कहानी

जोधपुर. शहर के तीन परिवारों ने यह साबित कर दिखाया है कि यदि ससुराल वाले चाहें तो शादी के बाद बहू न केवल पढ़ाई जारी रख सकती है, बल्कि देश की सर्वाधिक प्रतिष्ठित सरकारी सेवा आईएएस में भी सलेक्ट हो सकती है। पिछले दो साल में इन तीनों परिवारों की तीन बहुएं आईएएस में चुनी गईं। इनमें से दो ने इस साल सफलता हासिल की। भास्कर ने तीनों से बात की तो उन्होंने इसका क्रेडिट पूरी तरह सास-ससुर और पति को दिया। साथ ही कहा कि सासु मां का मतलब होता है सास व मां दोनों साथ, इसलिए उनसे प्यार भी दुगना मिलता है। जब राशि का आईपीएस में चयन हुआ तो पूरा परिवार खुश था। 

सास-ससुर अलग-अलग रहे, ताकि बहू की पढ़ाई चलती रहे

पिछले बार सफलता हासिल करने वाली और फिलहाल उदयपुर में तैनात आईपीएस अधिकारी राशि डूडी बताती हैं- मेहमान आते थे तो उन्हें अटैंड करने तो आना ही पड़ता था, लेकिन सासुजी की नजर सिर्फ मुझ पर ही रहती थी। नमस्कार करने के बाद जब भी सासुजी की तरफ देखती तो कहती कि पढ़ाई कर लो। जब कभी रसोई में जाती तो उनकी मीठी डांट पड़ती कि यह काम तो मैं ही कर लूंगी, तुम पढ़ लो। ससुर बीएल डूडी की पोस्टिंग झारखंड में थी, हम उन्हें पापा के पास जाने के लिए कहते थे, लेकिन वे कहती थीं कि तुम्हारी पढ़ाई के लिए यहां रहना जरूरी है। राशि अपने पति अभिनव के साथ आईएएस की तैयारी करती थी। अभिनव का सलेक्शन इस वर्ष हुआ है। राशि के अनुसार उनकी गणित शुरू से कमजोर थी, लेकिन पति ने पूरे साल पढ़ाया। 

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