बहादुरगढ़. पूत के पांव पालने में ही पहचान में आ जाते हैं। बादली के हन्नी गुलिया ने इस कहावत को सार्थक कर दिखाया है।
डीआरए स्कूल गुभाणा माजरी में कक्षा पांच के छात्र हन्नी गुलिया ने मात्र 10 साल की उम्र में कराटे में न सिर्फ ब्लैक बेल्ट हासिल किया बल्कि इंटरनेशनल लेवल पर अपनी उम्र से ज्यादा मेडल, प्रमाण पत्र, सम्मान पत्र समेत अनेक उपलब्धियां अपने नाम की।
कहते हैं प्रतिभा किसी के छुपाने से नहीं छुपती। ऐसी ही प्रतिभा के धनी हैं हन्नी। इलाके में कराटे का नाम आते ही सबसे कम उम्र के इस चैम्पियन का नाम जरूर आता है। वह आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। इस कराटे खिलाड़ी ने केवल दो वर्ष में देश भर में नाम कमाया है। लोग अब हन्नी को 'कराटे किड' कहते हैं।
तीसरी क्लास से कराटे खेलना शुरू किया
हन्नी गुलिया ने तीसरी क्लास से ही कराटे खेलना शुरू कर दिया था। वह 25 किलोग्राम भार वर्ग में हिस्सा लेता है। जुलाई 2012 में रोहतक में इंटर डूजो कराटे प्रतियोगिता उनकी पहली स्पर्धा थी। पहले ही प्रयास में हन्नी ने सिल्वर मेडल जीता। इसके बार उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

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